मोदी ने मूल्य संवर्धन प्रक्रिया के लिए किसानों को सराहा

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के किसानों द्वारा अपनी कृषि उपज से बिस्कुट का उत्पादन करने और बाजार में बेचने की सराहना की। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ’मन की बात’ में कहा, “बागेश्वर जिले में मुख्य फसलें मंडवा, चौलाई, मक्का या जौ हैं। पहाड़ी इलाका होने के नाते किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नही मिल पाता।“

उन्होंने कहा, “लेकिन, कपकोट गांव के किसानों ने हालात से बाहर निकलने का फैसला किया और मूल्य संवर्धन प्रक्रिया अपनाई। ऐसा कर उन्होंने अपने नुकसान को एक फायदे वाली कमाई में बदल दिया।“ उन्होंने कहा कि इन किसानों द्वारा चौलाई को बिस्कुट के रूप में सीधे बाजार में बेचने से आय दोगुनी होने के साथ अनाज का मूल्य 25 रुपये प्रति किलो से 50 रुपये प्रति किलो हो गया।


उन्होंने कहा, “इन किसानों की कड़ी मेहनत से समाज का वार्षिक कारोबार 10 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये हो गया और इसके साथ ही 900 से ज्यादा परिवारों को यहां रोजगार मिल रहा है और लोगों ने पलायन बंद कर दिया है।“

मोदी ने किसानों से वादा किया है कि सरकार की पहल से कृषि में किसानों की आय 2022 तक दोगुनी होगी। उन्होंने किसानों और नौकरशाहों से आय बढ़ाने में मदद करने के लिए नए विचार देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के कुछ किसान देश भर के किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

अपने सामूहिक प्रयासों से उन्होंने न सिर्फ अपना भाग्य बदला, बल्कि उन्होंने पूरे इलाके का भाग्य बदला है।“ उन्होंने कहा कि यह माना जाता है कि इस इलाके की भूमि में लौह तत्व भरपूर मात्रा में है। उन्होंने कहा, “इन किसानों की साहसिक पहल से प्रभावित होकर प्रशसन ने इसे राष्ट्रीय आजीविका मिशन से भी जोड़ा है।“ उन्होंने कहा कि इन बिस्कुटों की आपूर्ति अब अल्मोड़ा और कौसानी के अलावा जिले के 50 आंगनबाड़ी केंद्रों को भी की जा रही है।