काशी में खुलेगी डिजिटल यूनिवर्सिटी

नई दिल्लीः काशी में कितने घाट हैं, उनका महत्व क्या है ? यहां के प्रमुख धरोहर, शैक्षिक, सांस्कृतिक विरासत, अब बनारस से जुड़ी हर जानकारी आपको डिजिटल यूनिवर्सिटी में मिल जाएगी। बीएचयू के प्रोफेसरों व काशी के विद्वानों की ओर से इसकी पहल की गई है।

गंगा दशहरा से खुलने वाले इस विश्वविद्यालय की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। इसमें विद्वानों की ओर से अलग-अलग विषयों पर न केवल जानकारी दी जाएंगी बल्कि हफ्ते में दो दिन घाटों पर चलने वाली क्लास का लाइव प्रसारण फेसबुक, ट्विटर पर किया जाएगा।

घर बैठे लोगों को एक ही स्थान बनारस के बारे में सभी अहम जानकारियां मिल जाएं, इसके लिए यह अपने आप का एक अनूठा विश्वविद्यालय होगा। इसमें बनारस पर आधारित कोर्स होगा और तीन महीने बाद परीक्षा भी होगी।


इसमें प्राचीन संस्कृति के साथ ही यहां की वार्ता समय-समय पर लगने वाले मेले, धार्मिक आयोजनों, गलियों, घाटों, गंगा, खान-पान, गीत-संगीत, संस्कृति, ऐतिहासिकता आदि का पूरा विवरण होगा।

इसके लिए मई के दूसरे हफ्ते में पहली बैठक गंगा के बीच में बजड़े पर होगी। जिसमें अलग-अलग विद्या के विद्वान जानकारियां देंगे। अधिक से अधिक लोगों तक इसकी पहुंच हो सके, इसके लिए युवाओं की एक टीम फेसबुक, ट्विटर पर अपलोड कर देगी और लोग अपनी इच्छानुसार संबंधित कोर्स मैटेरियल को पढ़ सकेंगे।

बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. वीएन मिश्र का कहना है बनारस के बारे में लोगों को सही जानकारियां मिल सकें, इसी उद्देश्य के साथ डिजिटल विश्वविद्यालय की परिकल्पना की गई है। 90 दिन का पूरा कोर्स होगा और ऑनलाइन ही लोग कोर्स मैटेरियल देख सकेंगे। गंगा दशहरा पर इसकी लांचिंग की जाएगी।