राजस्थान के भीकमपुरा में जुटेंगे देश भर के किसान संगठन

भोपालः देश भर के तमाम किसान संगठन और किसान नेता केंद्र और राज्य सरकार से सामूहिक लड़ाई लड़ने के लिए राजस्थान के भीकमपुरा में जुटने जा रहे हैं। ’जल जन जोड़ो’ अभियान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि समस्याओं से जूझ रहा किसान इन दिनों खुश नहीं है। किसानों को लगने लगा है कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों की परंपरा को तोड़कर स्वयं को उद्योगपतियों का मित्र बना लिया है।

बयान में कहा गया है कि आजादी के बाद भारत के प्रधानमंत्री किसान नेताओं से मिलने को प्राथमिकता देते थे। उस समय किसान नेताओं को सर्वाधिक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन, आजादी के अब 70 साल बाद देश के प्रधानमंत्री को किसानों से मिलने की जरूरत नहीं होती। वह केवल चुनिंदा उद्योगपतियों से मिलकर पूरा देश चलाते हैं।


बयान में कहा गया, “केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से नाखुश सभी किसान नेताओं ने अपनी अलग-अलग पहचान भूलकर सामूहिक मुद्दे ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया है। इसके लिए भीकमपुरा में तीन दिवसीय चिंतन शिविर होने जा रहा है। सात से नौ अप्रैल तक होने वाले इस शिविर में जिन मुद्दों पर सहमति होगी उन्हीं को उठाया जाएगा। मुद्दों के आधार पर एक होने की रणनीति पर विचार चल रहा है।“

किसानों की कर्ज की स्थिति का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया है कि कर्जमाफी पर सभी एकमत हैं लेकिन कर्ज की परिभाषा को समझने, समझाने और उस पर एकता और समानता बनाने का सिलसिला इस शिविर से शुरू होगा।