आतंकवाद पर एक सुर में बोले भारत-ईरान

नई दिल्लीः आतंकवाद से निपटने में समन्वित वैश्विक कार्रवाई पर जोर देते हुए हिंदुस्तान व ईरान ने शुक्रवार को कहा कि इस खतरे का मुकाबला करते समय चयनित रूख नही अपनाना चाहिए व आतंकवादी समूहों का वित्त पोषण करने वाले, उनको समर्थन तथा बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों की निंदा की जानी चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी व ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच वार्ता के दौरान आतंकवाद की चुनौती से निपटने का मुद्दा प्रमुख था। रूहानी ने कहा कि हिंदुस्तान व ईरान का आतंकवाद तथा चरमपंथ से अच्छा तरीके से निपटने के बारे में ‘‘समान रुख’’ है। मोदी ने कहा कि दोनों राष्ट्र आतंकवाद मुक्त संसार चाहते हैं व आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली ताकतों का विस्तार रोकने के लिए दोनों ही प्रतिबद्ध हैं। एक संयुक्त बयान में बताया गया है कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में न केवल आतंकवादियों, आतंकवादी नेटवर्कों का सफाया होना चाहिए बल्कि आतंकवाद तथा चरमपंथी विचारधाराओं की पहचान कर, उन्हें बढ़ावा देने वाली स्थितियों का निवारण करना चाहिए। इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आतंकवादी तत्वों से निपटने तथा उनको समर्थन एवं वित्तीय योगदान ‘‘पूरी तरह समाप्त करने’’ का आह्वान किया।