कविताआें के माध्यम से कवियों ने किया शहीदों को याद

इलाहाबादः श्री सुमंगलम् द्वारा प्रत्येक वर्षों की भांति इस वर्ष भी शहीद दिवस पर 23 मार्च को इलाहाबाद अल्लापुर के रामलीला मैदान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शहीदां के परिजनां को सम्मानित करने के साथ ही देश के कोने-कोने से आए विख्यात कवियों ने अपनी कविताआें के माध्यम से लोगां को देश-प्रेम की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। 

इस बार कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शहीद परिजनों का होने वाला सम्मान था। इस बार जिनका सम्मान करने का संस्था को अवसर मिला वे शहीद स्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी के पिता श्री शरद तिवारी, जो खुद वायुसेना से अवकाश प्राप्त है।  भारत-चीन सीमा पर तवांग सेक्टर की पहाड़ियों पर 65,000 फीट की ऊँचाई पर  चापर क्रैश होने से 06 अक्टूबर 2017 को शहीद हो गये थे।


मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के लोकायुक्त न्यायमूर्ति शम्भूनाथ श्रीवास्तव, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, श्रीः सुमंगलम् के संस्थापक अरविंद जी, संस्था के अध्यक्ष डॉ. बी.बी. अग्रवाल, उ.प्र. राजर्षि टंडन मुक्त विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह आदि ने  शिशिर तिवारी के अवकाश प्राप्त पिता शरद तिवारी व माँ सविता तिवारी का शॉल, पुष्प गुच्छ, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 21,000 रुपये प्रदान करके उनका सम्मान किया। 


न्यायमूर्ति शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने कहा कि सैनिकों को भारत में पूरा सम्मान मिलना चाहिए। हम सब उनके ऋणी है। डॉ0 कामेश्वर नाथ सिंह ने शहीद परिजन सम्मान की परम्परा के लिए श्रीः सुमंगलम् की प्रशंसा की। महापौर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि आज हम सब इसलिए निश्चिंत होकर बैठे हैं क्योंकि सैनिक सीमा पर तैनात हैं। सम्मान समारोह के बाद बहुप्रतीक्षित राष्ट्रवादी कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। जिसमें मथुरा से आए कवि मनवीर मधुर, जयपुर से पधारे कवि अशोक चारण,  उज्जैन के कवि राहुल शर्मा, मुम्बई से सलीम बस्तवी और आगरा से आईं कवियित्री डॉ. रुचि चतुर्वेदी आदि ने अपनी ओजस्वी कविताओं गीतों, गजलों और छंदों से शहीदों के बलिदानों को याद किया। कवियों की देशभक्ति से परिपूर्ण कविताओं पर उपस्थित जनसमूह तालियों से उनका उत्साहवर्धन करता रहा। आयोजन के प्रथम चरण का मंच संचालन मशहूर उद्घोषक संजय पुरुषार्थी और कवि सम्मेलन का मंच संचालन ओरछा से आए कवि सुमित कुमार ने किया।