विधान परिषद चुनाव में फिर होगी सपा-बसपा की परीक्षा

लखनऊः अगले महीने होने वाले विधान परिषद चुनाव में सपा, बसपा व कांग्रेस की साझेदारी का फिर इम्तिहान होगा। सपा मुखिया अखिलेश यादव सहित परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल 5 मई को पूरा हो रहा है। इनमें प्रदेश सरकार के दो मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह व मोहसिन रजा भी शामिल हैं।



इन सीटों के लिए अप्रैल में चुनाव होगा। राज्यसभा चुनाव में अपने नौवें उम्मीदवार को जिताने में सफल रही बीजेपी विधान परिषद चुनाव में भी पेंच फंसा सकती है।

विधान परिषद चुनाव की प्रक्रिया भी राज्यसभा जैसी ही होती है। निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार, बीजेपी 10 सदस्यों को आराम से जिता लेगी पर, राज्यसभा चुनाव की तरह अगर उसने 10 से अधिक उम्मीदवार उतार दिए तो साझेदारी के लिए कठिन हो सकती है।

बीजेपी ने अगर अपने 10 ही उम्मीदवार उतारे तो विपक्ष भी अपने दो उम्मीदवारों को विधान परिषद में भेज देगा। दरअसल, विधान परिषद चुनाव का एक जरूरी पक्ष राज्यसभा चुनाव से अलग है। राज्यसभा चुनाव में वोट डालने वाले विधायक को अपने दल के प्रतिनिधि को वोट दिखाना होता है लेकिन विधान परिषद में ऐसा नहीं है। इस व्यवस्था के बाद भी जब राज्यसभा चुनाव में इतने बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो गई तो विधान परिषद में इससे इंकार नही किया जा सकता।