संप्रदाय के नाम पर बांटने वालों की प्रवृत्ति राक्षसी जैसी : भागवत

नई दिल्लीः कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सिद्धारमैया सरकार की ओर से लिंगायत समाज को अलग धर्म की मान्यता देने के निर्णय पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नाराजगी जाहिर की है। नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि वे एक ही धर्म के लोगों को बांटा जा रहा है। हिंदुओं को संप्रदाय में बांटा जा रहा है, जो किसी भी देश व समाज के लिए नुकसानदेह है।

मोहन भागवत ने कहा, ’भेद के आधार पर दूसरों को चूस कर खाना राक्षसी प्रवृत्ति है, राक्षसी धर्म है। उन लोगों को ईश्वर ने ऐसा ही बनाया है और वह ऐसा ही करेंगे, जिनको मानव धर्म निभाना है। हमें बांटने वाले तो तैयार बैठे हैं, क्योंकि उनको अपना असुरीय धर्म निभाना है। भागवत ने कहा, ’उनका कार्य है कि कितने भी ऐसे कोशिश हों वह आपस में ना बंटे।’