भीकमपुरा चिंतन शिविर का आज अंतिम दिन, तय होगी भावी रणनीति

भीकमपुरा (राजस्थान): राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा में चल रहे चिंतन शिविर का आज सोमवार को अंतिम दिन है। अंतिम दिन पानी पर गहन चर्चा के साथ भावी रणनीति तय की जाएगी, साथ ही जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी। तरुण भारत संघ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आज पानी पर कैसे आम आदमी की भागीदारी और हिस्सेदारी हो इस पर विचार-विमर्श होगा। बीते दो दिनों में हुई चर्चाओं के आधार पर आगामी कार्य योजना बनाई जाएगी। 

ज्ञात हो कि एकता परिषद के संस्थापक पी वी राजगोपाल के निर्देशन में तीन दिवसीय चिंतन शिविर यहां चल रहा है। इस शिविर के दो दिनों में किसानों की समस्याओं, सरकारों के रवैए और पिछले आंदोलनों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें देश के प्रमुख किसान नेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सेदारी की।

इस शिविर में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 200 प्रतिनिधि पहुंचे। जलपुरुष के नाम से पहचाने जाने वाले राजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलनों से जुड़े लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को करीब आने का आह्वान किया। 

इस शिविर में किसान नेता रामपाल जाट, अन्ना हजारे के करीबी विनायक राव पाटिल, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, देश में 193 किसान संगठनों के संयुक्त किसान संगठन के संयोजक वी एम सिंह, भारतीय किसान यूनियन के युद्घवीर सिंह, रामकिशन नहलावत, करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह, जल-जन जोड़ों के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह, महाराष्ट्र से प्रतिभा शिंदे, रमाकांत बापू, निशिकांत भालेराव, विनोद बोदनकर, पर्यावरणविद मार्क सहित बड़ी संख्या में किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं। 

इस शिविर में हिस्सा लेने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक महाराष्ट्र, हरियाणा, तामिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब सहित कुल 19 राज्यों के किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता यहां पहुंचे हैं।