भारत से विशेष रक्षा तकनीकि साझा करेगा अमेरिका, वायुसेना को मिलेगी मजबूती

चेन्नईः अमेरिका ने भारत के साथ जरूरी रक्षा प्रौद्योगिकी को साझा करने का ऐलान किया है। मई में होने वाली बैठक के बाद भारत के साथ अमेरिका कई जरूरी रक्षा तकनीकों को साझा करेगा। इन तकनीकों के ट्रान्सफर के बाद भारत में हाइटेक लड़ाकू विमानों के निर्माण की एक सुनियोजित प्रणाली को विकसित किया जा सकेगा, जिससे देश को सामरिक दृष्टि से बहुत ज्यादा मजबूती मिलेगी।

अमेरिका व भारत के संबंध होंगे मजबूत : जस्टर

भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा कि यह प्रस्ताव अमेरिका व भारत के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करेगा। यह अब तक किसी भी देश के साथ साझा नहीं किया गया है। जस्टर ने कहा कि दोनों देशों के दो-दो प्रतिनिधि मई महीने में एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसके बाद इस रक्षा तकनीकि को भारत को स्थानांतरित किया जाएगा।

चेन्नई के थिरुविदंधई में आयोजित डिफेंस एक्सपो-2018 के दौरान उन्होंने कहा, भारत व अमेरिका के बीच का संबंध दूसरे देशों को मजबूत इशारा भेज रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ’अमेरिका भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार में से एक मानता है और यह कई मामलों में जरूरी है। अमेरिकी कांग्रेस पार्टी दोनों किनारों पर भारत का समर्थन करती है।’ 


वायुसेना को मिलेगी मजबूती

दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के महत्व पर बल देने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी वहां मौजूद थी। निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में लोगों को संबोधित करते हुए जस्टर ने कहा कि भारत व अमेरिका के संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं और यह बहुत ज्यादा लंबे समय तक बना रहने वाला है। उन्होंने कहा, इन तकनीकों के ट्रान्सफर के बाद भारतीय कंपनियां देश में ही हाइटेक लड़ाकू विमानों का निर्माण कर सकेंगी, जिससे कि भारतीय वायुसेना को भी बहुत ज्यादा मजबूती मिल सकेगी। माना जा रहा है कि अमेरिका से लड़ाकू विमानों के निर्माण की तकनीकी मिलने के बाद देश में एफ-16 जैसे हाईटेक लड़ाकू विमानों के निर्माण का रास्ता साफ हो सकेगा।