मातृत्व अनुभव व संगीत आइकन की जिम्मेदारी का लुत्फ उठा रही सुनिधि

मुंबईः मातृत्व का अनुभव और संगीत आइकन की जिम्मेदारी दोनों का लुत्फ उठा रहीं गायिका सुनिधि चौहान ने कहा है कि वह देश के संगीत व्यवसाय के बदलते दृश्य में प्रासंगिक रहने के तरीके ढूंढती रहती हैं।

सुनिधि का पिछले 22 साल का लंबा व सफल करियर रहा है और वह आगे भी इसे जारी रखना चाहती हैं। पेशेवर जिंदगी की आपाधापी से होने वाली थकान को लेकर पूछ गए सवाल पर सुनिधि ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी कोई थकान महसूस नहीं होती है। उन्होंने कहा, “नहीं, बिलकुल नहीं। मैं केवल गाना जानती हूं। 

मुझे संगीत से प्यार है और मैं यह कर रही हूं, मेरा मतलब है कि और कुछ करने के लिए जगह कहां है। हां, मैंने जल्दी शुरू (करियर) कर दिया था। मुझे याद है कि मैंने अपना पहला गाना तब रिकॉर्ड किया था जब मैं 11 साल की थी और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे पास सफलता जल्दी आई।“

उन्होंने कहा, “लेकिन उस उम्र में मुझे नहीं पता था कि सफलता को कैसे संजोकर रखा जाता है और उसका क्या करना है। मुझे कुछ भी नहीं पता था। जैसे संगीत बदलता गया मैं संगीत के व्यवसाय में प्रांसगिक बने रहने के तरीके तलाशती रही।“

सुनिधि के अनुसार, “यही कारण है कि आप मुझे कभी यह कहते नहीं देखेंगे कि पुराने दिन कितने सुनहरे थे और वर्तमान समय में कोई अच्छा काम नहीं हो रहा है। मेरा मानना है कि संगीत उद्योग में बदलाव हो रहा है इसलिए हम सभी परिवर्तन के साथ बढ़ रहे हैं। हमें सीखने और अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लि हमेशा तत्पर रहना पड़ता है।“ सुनिधि ’रुकी रुकी’, ’आजा नचले’, ’क्रेजी किया रे’ और ’शीला की जवानी’ जैसे प्रसिद्ध गीतों में अपनी आवाज का जादू चला चुकी हैं।