आयुर्वेद के इन तरीकों से तेज होगा आपका दिमाग

नई दिल्लीः वर्तमान समय में जीवनशैली, रहन-सहन व भोजन के साथ ही सोचने का उपाय भी बदल चुका है। चाहे नौकरीपेशा लोग हो या बच्चों का क्लास रूम सभी स्थान आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा है। सभी एक-दूसरे को पीछे करने की होड़ में लगे हुए हैं। आगे बढ़ने के लिए तमाम कोशिशें करते हैं, लेकिन इसके लिए मेहनत करना ही बहुत ज्यादा नही है। सफलता के लिए आपको पूरी तैयारी करनी होती है व इसके लिए सबसे पहले अपने दिमाग को तेज रखना महत्वपूर्ण है। कुछ लोग कितनी भी मेहनत कर लेतें है लेकिन उनका रिजल्ट औसत से आगे नही जा पाता है। कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तरीके हैं जिससे आप औसत से बेहतर हो सकते हैं।

ब्राह्मी का प्रयोग

हजारों वर्षों से दिमाग तेज करने के लिए आयुर्वेद में ब्राह्मी का उपयोग किया जा रहा है। गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच ब्राह्मी आपके मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाता है। बच्चों के लिए छोटी आयु से यह तरीका करने पर बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। इससे मस्तिष्क सक्रिय होता है।

दालचीनी पाउडर

खाना बनाने में मसाले के तौर पर दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में दालचीनी को औषधि बताया गया है। रात को सोने से पहले शहद के साथ एक चुटकी दालचीनी पाउडर लेने से मानसिक तनाव दूर होता है व इससे आपका दिमाग तेज होता है। दिमाग को निर्बल करने में मानसिक तनाव सबसे बड़ा कारण है।

अश्वगंधा

अश्वगंधा स्मृति बढ़ाने में बहुत ज्यादा लाभदायक हैं। अश्वगंधा का इस्तेमाल लगभग सभी हर्बल मस्तिष्क टॉनिक को बनाने में किया जाता है। अश्वगंधा समझने की शक्ति को बढ़ाने का कार्य करती है।

मुलेठी

मुलेटी एक औषधीय जड़ी बूटी है, जो उपचारात्मक गुणों के लिए जाना जाता है। तनाव के समय मुलेठी मानसिक कार्यों को प्रोत्साहित करने का कार्य करती है। इसके अतिरिक्त यह शरीर के तंत्रिका तंत्र में संचलन बढ़ाने व खून में शर्करा के स्तर को संतुलित करने का कार्य भी करती है।

जटामांसी

आयुर्वेद में जटामांसी का इस्तेमाल अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। यह औषधि दिमाग तेज करने में रामबाण तरीका है। यह याद रखने की क्षमता बढ़ती है। एक चम्मच जटामांसी को एक कप गुनगुने दूध में घोलकर पीने से दिमाग तेज होता है। इसे दिन में दो बार भी सेवन कर सकते हैं।