आपके किचन में छुपा है हार्ट अटैक का रामबाण उपचार

नई दिल्लीः हार्ट अटैक आज के समय में आम समस्या बन गई है। जब दिल तक खून पहुंचने में दिक्कत होती है तो दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक की संभावना होती है। दिल की बीमारी का उपचार समय से कराना चाहिए नही तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। दिल की बीमारियों का उपचार महंगा होता है इसलिए आम आदमी इसका खर्चा उठाने में सक्षम नही होता है। उपचार के लिए पैसे नही होने पर इसका जानलेवा होना लाजमी है। हार्ट अटैक के लिए आयुर्वेदिक तरीका मौजूद हैं जिससे इसका उपचार संभव है।

हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक आने से पहले कुछ लक्षण सामान्य होतें हैं, जिनसे हार्ट अटैक की संभावनाओं का पता चल जाता है। ऐसे समय में सांस फूलना आम बात हैं। ऐसे में ज्यादा पसीना, सीने में दर्द व जलन, उल्टी आना, सिल चकराना, घबराहट होना व पेट में दर्द होना महसूस होता है।

आयुर्वेद से दिल का इलाज

आयुर्वेद की मदद से बिना एंजियोप्लास्टी के करीब 80 प्रतिशत हार्ट अटैक के आसार को टाला जा सकता है। इससे दिल की दूसरी बीमारियां भी कम हो जाती है। दिल में खून सही मात्रा में नही पहुंचना हार्ट अटैक के आसार को बढ़ा देता है ऐसे में हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए चिकनाई से पैदा होने वाले एसिड को समाप्त किया जाता है। दिल की बीमारियां भी इससे समाप्त हो जाती हैं। दिल की बीमारियां एसिडिटी के कारण होती है पेट में जब एसिडिटी अधिक हो जाती है तो एसिड खून में मिल जाता है व रक्त वाहिनियों में एसिड ब्लड आगे नही बह पाता व ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न होती है।

लौकी है फायदेमंद

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए ब्लड एसिडिटी को क्षारीय वस्तुएं खाने की सलाह दी जाती है। इसे खाने से ब्लड में अम्लता घट जाती है व ब्लॉकेज खुल जाता है। ऐसे में लौकी की सब्जी व लौकी का जूस लाभकारी है, जो रक्त की अम्लता कम करती है।

लौकी के रस में तुलसी व पुदीना मिलाएं

लौकी की जूस में तुलसी के पत्ते को मिलाकर पिया जा सकता है। तुलसी की पत्ती में क्षारीय गुण होते हैं इसके अतिरिक्त पुदीना भी मिला कर पीने पर फायदा मिलता है। इसके स्वाद को बदलने के लिए आप सेंधा नमक मिला सकते हैं इससे कोई हानी नही होगी।