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गुस्सा छूमंतर करने का यह है नया फॉर्मूला
गुस्सा छूमंतर करने का यह है नया फॉर्मूला

नई दिल्लीः गरिमा को गुस्सा आता है, तो वह मन-ही-मन पसंदीदा गाना गुनगुनाने लगती हैं। पायल अपना गुस्सा शांत करने के लिए किचन में कार्य करती हैं और नई-नई डिशेज बनाती हैं और जैसे ही कोई उनके खाने की तारीफ करता है, तो उनका गुस्सा छूमंतर हो जाता है। अपने गुस्से को कंट्रोल करने का हर किसी का अपना-अपना उपाय होता है।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें गुस्सा तो बहुत आता है, मगर उसे वे कंट्रोल करना नही जानते हैं। कई बार गुस्से की वजह से वे अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। मनोवैज्ञानिक डॉ। राजेश सागर कहते हैं, ‘गुस्सा, किसी भी आदमी में कम धैर्य, चिड़चिड़ापन, बर्दाश्त न कर पाने के कारण पैदा होता है इसकी वजह से आदमी को नींद भी कम आती है और उसका खानपान भी प्रभावित होता है।

हालांकि, यह कोई बड़ी बीमारी नही है. इस पर काबू पाया जा सकता है, बस आवश्यकता है आत्म-संयम की चिड़चिड़ापन व गुस्से वाले भाव एक हद तक तो नॉर्मल होते हैं, लेकिन यदि किसी को बात-बात पर गुस्सा आता है और इससे किसी दूसरे को या अपने को वह नुकसान पहुंचाता है, तो एक समस्या है। इसके लिए काउंसलिंग महत्वपूर्ण है।’


गुस्सा क्यों, कारण जानें हर गुस्से के पीछे कोई-न-कोई वजह होती है। जैसे कार्य का दबाव या अन्य कोई घरेलू समस्या इस वजह से भी आदमी चिड़चिड़ा व गुस्सैल हो जाता है। अगर यह समस्या आपके साथ भी है, तो अपने कार्य करने की एक योजना बनाएं, फिर प्राथमिकता के हिसाब से कार्य को करती जाएं घर के कार्य को भी खुद पर ओढ़ने की बजाय उसे प्रत्येक सदस्यों में बांटने का प्रयास करें। आवश्यकता से ज्यादा कार्य का बोझ खुद पर न डालें।   

रिलैक्सेशन थेरेपी अपनाएं गुस्सा शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है डीप ब्रीदिंग यानी लंबी गहरी सांस जब भी गुस्सा आए, तो अपनी आंखों को बंद करें और गहरी सांस लें, फिर पूरी सांस आराम से बाहर छोडे़ं। इस प्रक्रिया को 9 से 10 बार दोहराएं इससे आपका मन शांत होता है, जो कि गुस्से को शांत करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया को कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है।

आप इस तकनीक को भी अपना सकती हैं कुर्सी पर बैठें या जमीन पर लेट जाएं अपने पेट की गतिविधि पर 3-5 मिनट तक ध्यान दें। इस दौरान जब आप गहरी सांस लेंगे, तब आपके पेट में उभार आएगा और जब सांस छोडे़गे तो पेट अंदर जाएगा। इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं। 

ऐसा कभी न करें कभी-कभी कुछ लोग गुस्से में हिंसक हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर लोग यह कहते हैं कि आदमी जो कर रहा है, उसे वह करने दिया जाए यानी उसे उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाए जबकि रिसर्च बताती हैं कि गुस्से में आए आदमी को उसके हाल में छोड़ देने से आदमी का गुस्सा और बढ़ता है। ऐसे में गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे बेहतर यह है कि आप इस बात को पहचानें कि आपको गुस्सा किस वजह से आ रहा है और फिर इसे नियंत्रित करने की एक रणनीति बनाएं। कई बार हम आस-पास की चीजों से ही चिड़चिड़े व गुस्से में आ जाते हैं। कार्य व जिम्मेदारियों का वजन इसे और अधिक बढ़ा देता है। ऐसे में अपने आपको एक ब्रेक दें और फिर कोई कार्य हाथ में लें। इन सभी तरीकों को अपनाने के बावजूद आपको ऐसा लगता है कि आपका गुस्सा नियंत्रण से बाहर है और इसका प्रभाव आपके संबंधों व जरूरी मामलों में भी पड़ रहा है, तो आपको किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लेने की आवश्यकता है। 

एम्स के मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश सागर कहते हैं, ‘गुस्सा, किसी भी आदमी में कम धैर्य, चिड़चिड़ापन, बर्दाश्त न कर पाने के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से आदमी को नींद भी कम आती है और उसका खानपान भी प्रभावित होता है। हालांकि, गुस्सा लाइलाज बीमारी नही है। साइकोथेरेपी से इसका इलाज संभव है, जिसमें आदमी को गुस्सा आने वाले कारणों की पहचान कर, उसे एंगर मैनेजमेंट सिखाया जाता है। इस थेरेपी में कुछ रिलैक्सेशन अभ्यास भी बताई जाती है.’ यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपे एक रिसर्च के मुताबिक, यदि गुस्सा दो घंटे से अधिक समय तक कायम रहता है, तो इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक व अन्य दिल रोगों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।