नई दिल्लीः भारत में 6.25 लाख से ज्यादा बच्चे प्रतिदिन धूम्रपान करते हैं जो जन सेहत के लिए एक गंभीर चेतावनी है। एक वैश्विक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन ग्लोबल टोबैको एटलस के मुताबिक तंबाकू के सेवन से राष्ट्र में हर सप्ताह 17,887 जानें जाती हैं। हालांकि यह आंकड़े मध्यम मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) वाले राष्ट्रों में होने वाली औसत मौतों से कम है। भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है। इसमें सेहत सेवा से जुड़ी प्रत्यक्ष लागत व असामयिक मौत और अस्वस्थता के कारण उत्पादकता नष्ट होने से जुड़ी अप्रत्यक्ष लागत शामिल है।
पिछले सप्ताह प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में हिंदुस्तान में 82.12 अरब सिगरेट का उत्पादन हुआ। इसमें बताया गया कि विश्व की 6 प्रमुख तंबाकू कंपनियों का संयुक्त राजस्व 346 अरब डॉलर से ज्यादा था जो हिंदुस्तान की कुल राष्ट्रीय आय के 15 फीसदी हिस्से के बराबर है।